CG School Exam: स्कूल शिक्षा विभाग ने 5वीं, 8वीं परीक्षा क़े लिए दो लाख छात्रों के भविष्य को देखते जारी किया ये आदेश...
CG School Exam: स्कूल शिक्षा विभाग के एक आदेश ने छत्तीसगढ़ के 1300 से अधिक प्राइवेट स्कूल मालिकों द्वारा मान्यता के नाम पर किए गए फर्जीवाड़े की पोल खोल दिया है। सीजी बोर्ड की मान्यता लेकर सीबीएसई पाठ्यक्रम के नाम पर पालकों से भारी भरकम फीस वसूली और पढ़ाई भी कराने लगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने जब पांचवीं और आठवीं के केंद्रीकृत परीक्षा का आदेश जारी किया जब फर्जीवाड़ा करने वाले प्राइवेट स्कूल मालिकों की पोल खुल गई। प्राइवेट स्कूल प्रबंधन के अलावा पालक समिति ने बिलासपुर हाई कोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर कर एक साल के लिए रियायत मांगी। प्राइवेट स्कूल मालिकों के फर्जीवाड़ा के चलते छत्तीसगढ़ के दो लाख बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया था। बच्चों के भविष्य की चिंता करते हुए हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूल जो केंद्रीकृत परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते,एक साल की छूट दे दी है।

CG School
CG School Exam: बिलासपुर। स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव आरपी वर्मा ने बिलासपुर हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए पांचवीं व आठवीं के केंद्रीकृत परीक्षा के संबंध में जरुरी दिशा निर्देश जारी किया है।
जारी पत्र में कहा है कि अशासकीय विद्यालय प्रबंधन समिति तथा पालक संघ द्वारा पाचवीं व आठवीं के केंद्रीकृत परीक्षा के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश को चुनौती देते हुए बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आदेश जारी किया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जो अशासकीय विद्यालय सत्र 2024-25 की कक्षा पांचवीं एवं आठवीं की केन्द्रीकृत परीक्षा में सम्मिलित नहीं होना चाहते हैं, उन्हें इस सत्र इस छूट दी जाती है। जिला शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसी भी अशासकीय विद्यालय को सत्र 2024-25 की कक्षा 5वीं एवं 8वीं की केन्द्रीकृत परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए बाध्य न किया जाये। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ऐसे अशासकीय विद्यालय जो सत्र 2024-25 की कक्षा 5वीं एवं 8वीं की केन्द्रीकृत परीक्षा में सम्मिलित होना चाहते हैं, उन्हें परीक्षा में सम्मिलित किया जाये।
संबद्धता के नाम पर प्राइवेट स्कूल मालिकों ने किया करोड़ों का खेला
छत्तीसगढ़ में 1300 के करीब प्राइवेट स्कूल मालिकों ने सीजी बोर्ड की संबद्धता लेने के बाद बिना किसी जानकारी और अनुमति के सीबीएसई बोर्ड पैटर्न से पढ़ाई कराने और संबद्धता के नाम पर पालकों से झूठ बोला और बच्चों के एडमिशन करवा दिया। सीबीएसई पैटर्न से पढ़ाई और संबद्धता के नाम पर पालकों से भारी भरकम फीस भी वसूल लिए। इस फर्जीवाड़े की भनक ना तो पालकों को लगी और ना ही पढ़ने वाले विद्यार्थियों को। राज्य शासन के निर्देश पर जब स्कूल शिक्षा विभाग ने सीजी बोर्ड से संबद्ध प्राइवेट स्कूलों को इस वर्ष से पांचवीं और आठवीं के केंद्रीकृत परीक्षा आयोजित करने का निर्देश जारी किया तब फर्जीवाड़े का भांड़ाफोड़ हुआ।